Mar 22, 2018 किताब कम्पनी में नई-नई आई थी, अक्सर हाथों में किताब लिए दिखती। यूँ तो उसका काम लाज़वाब था, पर प्रायः अपने आप में ही रहती। कुछ लोगों को शर्मीली लगती, और कुछ कहते कि घमंडी है। किताबों का नशा ही कुछ ऐसा है, पढ़ने वालों को अपना आदी बना लेता हैं!