अहँकार

गाँव के ऊपर से हर रोज़ दस बजे एक हवाई जहाज़ निकलता था - देखता और सोचता कि ऊँगली से भी छोटे इस जहाज़ में लोग कैसे बैठते होंगे!

आज जब पहली बार जहाज़ में बैठा है, उसे नीचे चलते हुए लोग छोटे लग रहे हैं