डरपोक
ऊँचाइयों से डरता, नदियाँ देख घबराता, अँधेरे में सहम जाता और चूहे बिल्ली देख हाथ-पैर फूल जाते - यूँ कहें तो डरपोक था।
पर सड़क पर अजनबियों की सहायता करने में, जरूरत पड़ने पर खून देने में और नाइंसाफी के खिलाफ आवाज़ उठाने में कभी नहीं घबराया।
वो डरपोक और कायर के बीच फ़र्क अच्छे से जानता था!